Thursday, 28 March 2019

वतन

उस वक़्त का इंतजार है जब वतन में खुशहाली होगी,
पतझड़ हो या सावन, हर मौसम हरियाली होगी,
न दिन में तपन होगीन रात काली होगी,
हर दिन होली हर रात दीवाली होगी।
2.    
हर दिल में देश का, इस चमन का सम्मान होगा,
जहां भर की इबारतों में हिन्दोस्तां का नाम होगा।
सोने चांदी के ख़्वाब न देखे है, न देखेंगे,
गरीबी का हिन्द से काम बस तमाम होगा।
3.    
इस देश का ईमान बेईमान के हाथो में है,
हर इक काम नाकाम के हाथों में है।
कौन उजाला लाएगा 'दवे' तेरे प्यारे वतन में,
बेसहारा है सूरज, शाम के हाथों में है।

0 comments:

Post a Comment

 

Storie Published @ 2014 by Ipietoon