Sunday, 31 March 2019

झटक कर आगे बढ़ जाएं

बहुत समय पहले की बात है , किसी  गाँव में एक किसान रहता था . उसके पास बहुत सारे जानवर थे , उन्ही में से
एक गधा भी था . एक दिन वह चरते चरते खेत में बने एक पुराने सूखे हुए कुएं के पास जा पहुचा और अचानक ही उसमे  फिसल कर गिर गया . गिरते ही उसने जोर -जोर से चिल्लाना शुरू किया -” ढेंचू-ढेंचू ….ढेंचू-ढेंचू ….”
jhatak-kar-aage-badh-jayen
उसकी आवाज़ सुन कर खेत में काम कर रहे लोग कुएं के पास पहुचे, किसान को भी बुलाया गया .
किसान ने स्थिति का जायजा लिया , उसे गधे पर दया तो आई लेकिन उसने मन में सोचा  कि इस बूढ़े गधे को बचाने से कोई लाभ नहीं है और इसमें मेहनत भी बहुत लगेगी और साथ ही कुएं की भी कोई ज़रुरत नहीं है , फिर उसने बाकी लोगों से कहा , “मुझे नहीं लगता कि हम किसी भी तरह इस गधे को बचा सकते हैं अतः  आप सभी अपने-अपने काम पर लग जाइए, यहाँ समय गंवाने से कोई लाभ नहीं.”
और ऐसा कह कर वह आगे बढ़ने को ही था की एक मजदूर बोला, ” मालिक , इस गधे ने सालों तक आपकी सेवा की है , इसे इस तरह तड़प-तड़प के मरने देने से अच्छा होगा की हम उसे इसी कुएं में दफना दें .”
किसान ने भी सहमती जताते हुए उसकी हाँ में हाँ मिला दी.
” चलो हम सब मिल कर इस कुएं में मिटटी डालना शुरू करते हैं और गधे को यहीं दफना देते हैं”, किसान बोला.
गधा ये सब सुन रहा था और अब वह और भी डर गया  , उसे लगा कि  कहाँ उसके मालिक को उसे बचाना चाहिए तो उलटे वो लोग उसे दफनाने की योजना बना रहे हैं .  यह सब  सुन  कर वह भयभीत हो गया , पर उसने हिम्मत नहीं हारी और भगवान् को याद कर वहां से निकलने के बारे में सोचने लगा ….
अभी वह अपने विचारों में खोया ही था कि  अचानक उसके ऊपर मिटटी की बारिश होने लगी, गधे ने मन ही मन सोचा कि भले कुछ हो जाए वह अपना प्रयास नहीं छोड़ेगा और
आसानी से हार नहीं मानेगा। और फिर वह पूरी ताकत से उछाल मारने लगा .
किसान भी औरों की तरह मिटटी से भरी एक बोरी कुएं में झोंक दी और उसमे  झाँकने लगा , उसने देखा की जैसे ही मिटटी गधे के ऊपर पड़ती वो उसे अपने शरीर से झटकता  और उचल कर उसके ऊपर चढ़ जाता .जब भी उसपे मिटटी डाली जाती वह यही करता ….झटकता और ऊपर चढ़ जाता …. झटकता और ऊपर चढ़ जाता ….
किसान भी समझ चुका  था कि अगर वह यूँही मिटटी डलवाता रहा तो गधे की जान बच सकती है .
फिर क्या था वह मिटटी डलवाता गया और देखते-देखते गधा कुएं के मुहाने तक पहुँच गया, और अंत में कूद कर बाहर आ गया.
मित्रों, हमारी ज़िन्दगी भी इसी तरह होती है , हम चाहे जितनी भी सावधानी बरतें कभी न  कभी मुसीबत रुपी गड्ढे में गिर ही जाते हैं .पर  गिरना प्रमुख नहीं है, प्रमुख है संभलना  . बहुत से लोग बिना प्रयास किये ही हार मान लेते हैं , पर जो प्रयास करते हैं भगवान् भी किसी न किसी रूप में उनके लिए मदद भेज देता है। यदि गधा लगातार बचने का प्रयास नहीं करता तो किसान के दिमाग में भी यह बात नहीं आती को उसे बचाया जा सकता है … इसलिए जब अगली बार आप किसी मुसीबत में पड़ें तो कोशिश करिए कि  आप भी उसे झटक कर आगे बढ़ जाएं।

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Storie Published @ 2014 by Ipietoon