Thursday, 28 March 2019

शेर बनाने का अपराध किसने किया? बेताल पच्चीसी - बाईसवीं कहानी!!

कुसुमपुर नगर में एक राजा राज्य करता था। उसके नगर में एक ब्राह्मण थाजिसके चार बेटेथे। लड़कों के सयाने होने पर ब्राह्मण मर गया और ब्राह्मणी उसके साथ सती हो गयी। उनकेरिश्तेदारों ने उनका धन छीन लिया। वे चारों भाई नाना के यहाँ चले गये। लेकिन कुछ दिन बादवहाँ भी उनके साथ बुरा व्यवहार होने लगा। तब सबने मिलकर सोचा कि कोई विद्या सीखनीचाहिए। यह सोच करके चारों चार दिशाओं में चल दिये।

कुछ समय बाद वे विद्या सीखकर मिले। एक ने कहा, "मैंने ऐसी विद्या सीखी है कि मैं मरे हुएप्राणी की हड्डियों पर मांस चढ़ा सकता हूँ।दूसरे ने कहा, "मैं उसके खाल और बाल पैदा करसकता हूँ।तीसरे ने कहा, "मैं उसके सारे अंग बना सकता हूँ।चौथा बोला, "मैं उसमें जानडाल सकता हूँ।"

फिर वे अपनी विद्या की परीक्षा लेने जंगल में गये। वहाँ उन्हें एक मरे शेर की हड्डियाँ मिलीं।उन्होंने उसे बिना पहचाने ही उठा लिया। एक ने माँस डालादूसरे ने खाल और बाल पैदाकियेतीसरे ने सारे अंग बनाये और चौथे ने उसमें प्राण डाल दिये। शेर जीवित हो उठा औरसबको खा गया।

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यह कथा सुनाकर बेताल बोला, "हे राजाबताओ कि उन चारों में शेर बनाने का अपराधकिसने किया?"

राजा ने कहा, "जिसने प्राण डाले उसनेक्योंकि बाकी तीन को यह पता ही नहीं था कि वे शेरबना रहे हैं। इसलिए उनका कोई दोष नहीं है।"

यह सुनकर बेताल फिर पेड़ पर जा लटका। राजा जाकर फिर उसे लाया। रास्ते में बेताल नेएक नयी कहानी सुनायी।

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Storie Published @ 2014 by Ipietoon